हापुड़ में अंतरराज्यीय धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़: बैंक प्रतिरूपण योजना के लिए तीन गिरफ्तार

हापुड़: 10 सितंबर, 2024 को हापुड़ के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने बैंक अधिकारियों का रूप धारण करके वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया। गिरोह ने चोरी की गई क्रेडिट कार्ड की जानकारी का उपयोग करके लोगों के बैंक खातों से धोखाधड़ी से पैसे निकाले। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से दो मोबाइल फोन, तीन नकली सिम कार्ड और थोड़ी सी नकदी बरामद की गई। आरोपी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत दर्ज केस नंबर 18/2024 के सिलसिले में फरार चल रहे थे।

कार्यप्रणाली
पूछताछ के दौरान, गिरफ्तार व्यक्तियों ने खुलासा किया कि उन्होंने खुद को बैंक प्रतिनिधि बताकर संवेदनशील क्रेडिट कार्ड विवरण प्राप्त किए थे। वे बेखबर पीड़ितों को फोन करते थे और उन्हें रिवॉर्ड पॉइंट के लिए नकद रिफंड के ऑफ़र का लालच देते थे। बातचीत के दौरान, वे पीड़ितों की जन्मतिथि और वन-टाइम पासवर्ड (OTP) सहित व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करते थे। फिर उन्होंने इस जानकारी का इस्तेमाल नोब्रोकर और फोनपे जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर किराए के भुगतान के अनुरोध शुरू करने के लिए नकली खाते बनाने के लिए किया। धोखाधड़ी वाले लेन-देन विभिन्न बैंक खातों में किए गए थे, और चुराए गए पैसे को गिरोह के सदस्यों के बीच साझा किया गया था।

गिरफ्तारी और जब्ती
तीनों आरोपियों को दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार इलाके में हनुमान मंदिर के पास से गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान नीलेश तिवारी (उर्फ चंद्रशेखर तिवारी), असलम खान (उर्फ कलीम) और मिस्बाह (उर्फ इरशा) के रूप में हुई। आरोपियों से बरामद की गई वस्तुओं में तीन मोबाइल फोन, तीन नकली सिम कार्ड और 700 रुपये नकद शामिल हैं।

टीम लीड
इस ऑपरेशन का नेतृत्व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, हापुड़ जिले के इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह ने किया

पुलिस स्टेशन का नाम
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, हापुड़ जिला, उत्तर प्रदेश।

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