देश में तेजी से बाढ़ रहे साइबर ठगी से बचाव हेतु इन 20 पॉइंट की एडवाइजरी का रखे ख्याल।

देश में तेजी से बाढ़ रहे साइबर ठगी से बचाव हेतु इन 20 पॉइंट की एडवाइजरी का रखे ख्याल। साइबर फ्रॉड होने या गलती से पैसे दूसरे के खाते में जमा होने पर थोड़ी जागरूकता से आप कर सकते है खुद का बचाव। आइये जानते हैं कि साइबर ठगी होने पर क्या करें? साथ ही, गलती से ट्रांसफर हुए पैसे वापस पाने का क्या हैं तरीका?

साइबर फ्रॉड होने पर यहां करे शिकायत :~

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• साइबर क्राईम/फ्रॉड की घटना होने पर साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल या cybercrime.gov.in पर लॉगइन कर तुरन्त शिकायत दर्ज करवानी चाहिए।

• गलत या धोखे से गलत व्यक्ति के खाते में यूपीआई से धनराशि ट्रांसफर होने पर npci.org.in पर ऑनलाईन शिकायत दर्ज करनी होती है।

यह सावधानी जरूरी :~

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• ईमेल/ व्हाट्सएप पर प्राप्त होने वाले FIR/ अरेस्ट वॉरेंट या किसी नोटीस पर न करें विश्वास। किसी डर/ धमकी में आकर खुद को न बनाये “डिजिटल अरेस्ट” का शिकार।

• डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने पर किसी बहकावे में आकर किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट/ UPI में पेमेंट न करे ट्रांसफ़र। साथ ही, अपनी व्यक्तिगत एवं बैंकिंग जानकारी जैसे आधार कार्ड/ पैन कार्ड/ पासपोर्ट या किसी परिचित का नाम/ मोबाइल नंबर एवं बैंकिग सुरक्षा हेतु अपना अकाउंट नंबर/ नेट बैंकिंग की जानकारी/ पासवर्ड/ OTP न करें शेयर।

• केवाईसी न होने के कारण आपके बैंक अकाउंट/ आपके फोन नंबर को बंद किया जा रहा हैं अथवा आपके बैंक को डेबिट होल्ड या आपके फोन के इनकमिंग कॉल को ब्लॉक कर दिया जाएगा इस तरह के प्राप्त होने वाले संदेश/ फोनकॉल को करें नजरअंदाज। संदेश/ ईमेल द्वारा KYC हेतु प्राप्त किसी लिंक या वेबसाईट पर क्लिक/ विज़िट न करें। अपने बैंक/ मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से हमेशा उनके अधिकारिक वेबसाईट/ ईमेल पर ही संपर्क करें।

• ओटीपी/पिन/सीवीवी नंबर शेयर नहीं करें।

• ऑनलाईन अकान्ट्स/नेटबैंकिग के Alphanumeric special character के साथ complex पासवर्ड रखें।

• नाम/मोबाईल नंबर/जन्मतिथि को पासवर्ड नहीं बनाये।

• लॉटरी/कैशबैक/रिफण्ड/जोब्स/गिफ्ट इत्यादि ऑनलाईन प्रलोभनों से सावधान रहें।

• यूपीआई पिन व क्यूआर कोड स्कैन का प्रयोग केवल भुगतान करने के लिए किया जाता है, न कि धन राशि प्राप्त करने के लिए।

• सोशल मीडिया अकाउन्ट्स पर Two step verification/Two factor authentication ऑन रखें।

• कस्टमर केयर के नंबर कभी भी गुगल से सर्च नहीं करें, केवल आधिकारिक वेबसाईट से प्राप्त करें।

• मोबाईल डिवाईस का GPS/Bluetooth/NFC/hotspot/WiFi आवश्यक होने पर ही ऑन रखे।

• अनजान लोगों से प्राप्त होने वाली वीडियो कॉल रिसीव नहीं करें और नही फ्रेन्ड रिक्वेस्ट स्वीकार करें।

• पब्लिक WiFi में ऑनलाईन शापिंग या बैकिंग ट्रांजक्शन नहीं करें।

• अनजान क्यूआर कोड स्केन/लिंक पर क्लिक नहीं करें।

• अनजान व्यक्ति के कहने पर Remote access Apk Anydesk, Teamviewer, Airdrop, Meadmin, Airminer इत्यादि एप्लिकेशन इंस्टॉल या डाउनलोड नहीं करें।

• Automatic forwarding एप्लीकेशन इंस्टॉल या डाउनलोड नहीं करें।

• Whatsapp, instagram, facebook, truecaller की DP में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम वर्दी पहने फोटो या किसी परिचित व्यक्ति का फोटो दिखाई देने पर तत्काल विश्वास नहीं करें।

• ऑनलाईन सोशल साईट पर पर्सनल फोटो/वीडियो शेयर नहीं करें।

• Like/review/ratings के नाम पर घर बैठे रुपए कमाने के लालच में नहीं आवे और न ही invest करें।

• आरबीआई द्वारा स्वीकृत बैकिंग/ नॉन बैकिंग वित्तिय संस्थानों के अधिकृत लोन ऐप से ही लोन लें।

((नोट: ऐसे ही आवश्यक एवं महत्वपूर्ण जानकारी हेतु आज ही CRIAI मुख्यालय के अधिकारिक पेज Crime Research Investigation Agency Of India को फॉलो करें। धन्यवाद)

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