- CRIAI
- 2024-09-12
गृह मंत्रालय के 14 लाख साइबर अपराधियों के ऑनलाइन डेटाबेस के अंदर , संदिग्ध रजिस्ट्री क्या है?
2024-09-18बिजनौर: 21 अगस्त 2024 को मेरठ में बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार खरे ने बिजनौर साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामला धोखाधड़ी से जुड़ा था, जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति ने बिजनौर में हुंडई मोटर्स डीलरशिप के मालिक का रूप धारण करके बैंक की शाखा में 3 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था। इसके बाद, धोखाधड़ी वाले ईमेल और कॉल किए गए, जिससे शाखा से दो RTGS लेनदेन के माध्यम से 9,88,500 रुपये का हस्तांतरण हुआ।
कार्यप्रणाली: जालसाजों ने बैंक मैनेजर को धोखा देने के लिए फोन कॉल और ईमेल का इस्तेमाल किया। उन्होंने खुद को व्यवसाय के मालिक के रूप में पेश किया और मैनेजर को बैंक से दूसरे खातों में धन हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित किया, यह दावा करके कि उनकी चेकबुक खत्म हो गई है और तुरंत धन हस्तांतरण का आग्रह किया। अपराधी अक्सर पीड़ितों को ऋण देने या व्यवसाय प्रतिनिधि के रूप में पेश करके लालच देते थे। पीड़ितों के बैंकिंग विवरण प्राप्त करने के बाद, उन्होंने नए खाते खोले और धन हस्तांतरित किया।
गिरफ्तारी और जब्ती: साइबर क्राइम पुलिस ने स्वाट टीम के साथ मिलकर दिल्ली से दो आरोपियों धर्मवीर और बंटी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने 48 मोबाइल फोन, 18 आधार कार्ड, 5 पैन कार्ड, 5 बैंक पासबुक, 9 चेकबुक, 3 पहचान पत्र, 16 डेबिट कार्ड, 1 डोंगल, पासपोर्ट साइज फोटो, ड्राइविंग लाइसेंस और अन्य फर्जी दस्तावेज जब्त किए। इसके अलावा 1,64,000 रुपये नकद बरामद किए गए और बैंक खातों में 3,90,000 रुपये फ्रीज किए गए।
टीम लीड:
इस ऑपरेशन का नेतृत्व अजय सिंह, स्टेशन ऑफिसर, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, बिजनौर ने किया।
पुलिस स्टेशन का नाम:
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, बिजनौर।
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