- CRIAI
- 2024-09-14
गृह मंत्रालय के 14 लाख साइबर अपराधियों के ऑनलाइन डेटाबेस के अंदर , संदिग्ध रजिस्ट्री क्या है?
2024-09-18प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अधिकारी बनकर 2.60 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो “चीनी स्कैमर्स” से जुड़े एक नेटवर्क का हिस्सा था। आरोपियों की पहचान तमिलारासन कुप्पन (29), अजित (28), प्रकाश (26) और अरविंदन (23) के रूप में हुई है। उन्हें तमिलनाडु के पल्लीपट्टू से गिरफ्तार किया गया। चारों आरोपी फर्जी कंपनियां चलाने और बैंक खाते खोलने का काम करते थे। इसके माध्यम से साइबर स्कैम से उत्पन्न अपराध की आय (पीओसी) को ठिकाने लगाया जाता था।
2.80 करोड़ रुपये फ्रीज
पूछताछ के लिए बेंगलुरु की एक विशेष अदालत से उनकों चार दिन के लिए ईडी के हिरासत हासिल में भेज दिया है। इसने एक शेल कंपनी के बैंक खाते में 2.80 करोड़ रुपये की पीओसी को फ्रीज कर दिया है। ईडी ने देश भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसमें जयपुर में विशेष अपराध और साइबर अपराध पुलिस में दर्ज एक एफआईआर भी शामिल है।
व्हाट्सएप ग्रुप
ईडी के अनुसार इन फर्जी कंपनियों के बैंक खातों में लेन-देन से संबंधित पूरी प्रक्रिया और गतिविधियां एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से की जाती थीं, जिसमें तमिलारासन, अजित, अरविंदन, प्रकाश के साथ-साथ चीनी स्कैमर्स भी मेंबर थे। चारों आरोपी फर्जी कंपनियों के गठन के लिए फर्जी निदेशकों, पतों और दस्तावेजों की व्यवस्था करने और खाते खोलने के लिए बैंक कर्मियों के साथ संपर्क स्थापित करने में साइबर धोखाधड़ी करने वालों की सहायता करने के लिए एक गिरोह चलाते थे। इसके माध्यम से साइबर धोखाधड़ी से अर्जित धन को अन्य जगह भेजा जाता था और मनी लॉड्रिंग होता था।
अबतक 17 तलाशी
इससे पहले ईडी ने बेंगलुरु में एम.शशि कुमार, एम. सचिन, एसके किरण और सी. चरण राज नामक चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। एजेंसी के अनुसार अब तक विभिन्न परिसरों पर 17 तलाशी ली गई है। इसके परिणामस्वरूप मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों सहित विभिन्न आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है और बैंक खाते में 2.80 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं
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